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Wednesday, April 23, 2014

"जेम्स बॉन्ड" बनाम "इंडियन हीरो"


भारतियों मे हीरो बनाने के अलग कायदे है जो कि बाकी विश्व से थोड़े से अलग बैठते।
जैसे हमारा हीरो आदर्शवादी होना चाहिए क्यूंकी वो हीरो है बस नायक नहीं।
कुछ उदाहरण लेते हैं.....

आम हीरो
# पश्चिम के देश मे फ़ेमस स्पाइ "जेम्स बॉन्ड", व्यक्तित्व में, बॉन्ड कठोर, क्रूर, अलग, और घमंडी है - जो बोलता कम और काम करने में ज्यादा विश्वास रखता है।
वह स्वादिष्ट व्यंजन, अच्छी शराब, और सुंदर महिलाओं के साथ रहता है. स्वरूप में, वह स्टाइलिश और अच्छे कपड़े पहनता है।

हमारा हीरो
# हमारा हीरो तो आदर्शवादी, आशावादी, शिक्षा देने वाला होता। छोटा भीम की तरह बिलकुल। ढोलकपुर का नौ बरस का भीम के पास दैवीय शक्तियाँ है। बहुत ताकतवर, महा बलशाली दुश्मनों को पलक झपकते ही मटियामेट करता भीम। वो शराब नहीं पीता वो तो बस "लड्डू" खाता है जिससे उसके शरीर मे असीम ऊर्जा का संचार होता। बहुत ही बड़े दिलवाला सीधा भीम अक्सर ही लोगों को माफ भी कर देता।

पर हीरो कौन असली ये तो आपको तय करना। हीरो बनाने की परंपरा भी हमारी संस्कृति से जुड़ी है। फिल्मों मे नायक होते है हीरो नहीं। हीरो तो पदवी होती जो सबको थोड़े मिलती।

- शुभप्रभातम

मिश्रा राहुल
(ब्लोगिस्ट एवं लेखक)