भारत द्वारा मराकेश संधि पर हस्ताक्षर।
दृष्टिहीन, दृष्टिबाधित और छपी पुस्तकों को पढ़ पाने में असमर्थ व्यक्तियों की ब्रेल लिपि, बड़े आकार के पाठ और श्रव्य पुस्तकों (Audio Books) के रूप में प्रकाशित सामग्री तक पहुंच बढ़ाने के लिए ‘मराकेश संधि’(Marrakesh Treaty) हस्ताक्षरित की गई थी।
- यह संधि ‘विश्व बौद्धिक संपदा संगठन’(WIPO : World Intellectual Property Organization) द्वारा प्रशासित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय कॉपीराइट संबंधी संधियों की शृंखला में नवीनतम है।
- 28 जून, 2013 को मराकेश (मोरक्को) में हस्ताक्षरित इस संधि में शामिल देशों को अपने कॉपीराइट संबंधी नियमों में ऐसे अपवादों और सीमाओं को शामिल करना होगा जो दृष्टि संबंधी समस्याओं वाले व्यक्तियों हेतु प्रकाशित सामग्री उपयुक्त प्रारूप में सुलभ कर सकें, साथ ही ऐसी सामग्री के सीमा-पार आदान-प्रदान की भी अनुमति देनी होगी ताकि लाभार्थियों को अधिकाधिक फायदा पहुंचे।
- इस संधि के लागू होने के लिए संधि में शामिल देशों में से कम से कम 20 देशों द्वारा इसका अनुसमर्थन आवश्यक है।
- विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के कुल 187 सदस्य देशों में से 64 देशों द्वारा इस संधि पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।
- यद्यपि किसी भी देश द्वारा संधि का अनुसमर्थन न किए जाने के कारण यह संधि लागू नहीं हो सकी है।
मराकेश संधि एवं मराकेश समझौता में भिन्नता
उल्लेखनीय है कि मराकेश संधि (Marrakesh Treaty) और मराकेश समझौता (Marrakesh Agreement) परस्पर भिन्न हैं।
- मराकेश संधि दृष्टि समस्याग्रत लोगों हेतु कॉपीराइट अपवादों से संबंधित है जबकि 15 अप्रैल, 1994 को मराकेश (मोरक्को) में हस्ताक्षरित मराकेश समझौते द्वारा विश्व व्यापार संगठन (WTO : World Trade Organization) की स्थापना हुई जो 1 जनवरी, 1995 को अस्तित्व में आया।
- Misra Raahul
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