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Monday, March 31, 2014

मंदिर में जाने से पहले आखिर क्यों बजाते है घंटी !!


हिंदू धर्म से जुड़े प्रत्येक मंदिर और धार्मिक स्थलों के बाहर आप सभी ने बड़े-बड़े घंटे या घंटियां लटकी तो अवश्य देखी होंगी जिन्हें मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्त श्रद्धा के साथ बजाते हैं. लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि इन घंटियों को मंदिर के बाहर लगाए जाने के पीछे क्या कारण है या फिर धार्मिक दृष्टिकोण से इनका औचित्य क्या है?

असल में प्राचीन समय से ही देवालयों और मंदिरों के बाहर इन घंटियों को लगाया जाने की शुरुआत हो गई थी. इसके पीछे यह मान्यता है कि जिन स्थानों पर घंटी की आवाज नियमित तौर पर आती रहती है वहां का वातावरण हमेशा सुखद और पवित्र बना रहता है और नकारात्मक या बुरी शक्तियां पूरी तरह निष्क्रिय रहती हैं.


यही वजह है कि सुबह और शाम जब भी मंदिर में पूजा या आरती होती है तो एक लय और विशेष धुन के साथ घंटियां बजाई जाती हैं जिससे वहां मौजूद लोगों को शांति और दैवीय उपस्थिति की अनुभूति होती है.

लोगों का मानना है कि घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है जिसके बाद उनकी पूजा और आराधना अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाती है.

पुराणों के अनुसार मंदिर में घंटी बजाने से मानव के कई जन्मों के पाप तक नष्ट हो जाते हैं. जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ तब जो नाद (आवाज) गूंजी थी वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है. उल्लेखनीय है कि यही नाद ओंकार के उच्चारण से भी जागृत होता है.

मंदिर के बाहर लगी घंटी या घंटे को काल का प्रतीक भी माना गया है. कहीं-कहीं यह भी लिखित है कि जब प्रलय आएगा उस समय भी ऐसा ही नाद गूंजेगा.

मंदिर में घंटी लगाए जाने के पीछे ना सिर्फ धार्मिक कारण है बल्कि वैज्ञानिक कारण भी इनकी आवाज को आधार देते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है. इस कंपन का फायदा यह है कि इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है.

इसीलिए अगर आप मंदिर जाते समय घंटी बजाने को अहमियत नहीं देते हैं तो अगली बार प्रवेश करने से पहले घंटी बजाना ना भूलें.

सुपरहिट 6 सिली मिस्टेक्स: फिल्मों की छोटी-छोटी बेवकूफियां....!!!


1 रा-वन - 
फिल्म में शाहरुख दक्षिण भारतीय बने हैं, लेकिन जब उनकी मौत होती है तो उन्हें क्रिश्चियन परंपरा के अनुसार दफनाया जाता है, लेकिन बाद में हम देखते हैं कि उनकी अस्थियां पानी में बहाई जा रही हैं। हां भई सभी को खुश रखना पड़ता है न!

2 अमर अकबर एंथोनी -
तीन लोग एक साथ एक ही महिला के लिए रक्तदान कर रहे हैं। अरे भई साइंस इमोशन से बढ़कर थोड़े ही है!

3 लगान -
यह फिल्म 18वीं सदी की कहानी है और उस वक्त एक ओवर में 8 बॉल हुआ करती थीं। लेकिन फिल्म में एक ओवर में 6 गेंदें दिखाई गई हैं। शायद 8 गेंद में फिल्म और भी लंबी हो जाती। है न!

4 बागबान -
अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी होली के तुरंत बाद 6 महीनों के लिए अलग हो जाते हैं यानी मार्च से लेकर सितंबर तक के लिए। लेकिन इन्हीं 6 महीनों में वे वेलेंटाइन-डे मना लेते हैं, जो कि फरवरी में आता है और करवाचौथ मनाते हैं, जो अक्सर अक्टूबर में पड़ती है। क्या करें टाइम कम था इमोशन ज्यादा!

5 प्यार तो होना ही था -
काजोल पब्लिक टॉयलेट यूज करने के लिए ट्रेन से एक स्टेशन पर उतरती हैं और उनकी ट्रेन छूट जाती है। बेचारी को शायद पता नहीं होगा कि ट्रेन के हर कंपार्टमेंट में चार टॉयलेट होते हैं!

6 शोले -
जया बच्चन पूरी फिल्म में लालटेनें जलाती रहती हैं, क्योंकि गांव में बिजली नहीं है। तो भई ये बताओ कि वीरू जिस टंकी पर चढ़कर सुसाइड कर रहा था,
उसमें बिना बिजली के पानी ठाकुर चढ़ाता था?

- Misra Raahul

Saturday, March 29, 2014

फिल्म-स्टार....उद्योगपति......राजनीतिज्ञ.....


फिल्म-स्टार....उद्योगपति......राजनीतिज्ञ.....
यही तो चला रहे देश और उड़ा रहे हमारे दैविक-संसाधन....
बड़ी बात यह है की तीनों को ही हम जैसो की ज़रूरत है ....!!!

फिल्म-स्टार....
सबसे ज्यादा अगर मैं अपने समाज मे किसी से दुखी हूँ तो वो है फिल्म-स्टार....इतने ज्यादा पैसे मे खेलते पर देश की तरक्की मे भागीदारी की बात की जाएगी तो शायद ही कोई दिखेगा....!!!
आखिर फिल्म-स्टार कौन बनाता हम ही बनाते....अगर हम इनकी फिल्मे देखना छोड़ देंगे तो ये बड़े जल्द कंगाल हो जाएंगे....!!!

उद्योगपति....
फिर नंबर आता है उद्योगपतियों का...अगर ये मजदूर वर्ग काम करना त्याग दे बहिसकार कर दे तो ये भी पलटी-खा जाएंगे...हम सब मजदूर वर्ग ही है...समय ने मजदूरी के मायने बदल दिये है बस....ये डोक्टर...ये इंजीनियर सभी मजदूर ही है....इनके सपने खुद के नहीं होते....ये तो दिहाड़ी पर काम करते....अंतर बस ये है की रोज़ दिहाड़ी के बजाए महीने के अंत मे ले जाते....!!!

राजनीतिज्ञ....और सबसे निचले स्तर पर अगर कोई गिर गया है तो वो है राजनीतिज्ञ...और जनता ही सबसे ज्यादा प्रभावित करती इन्हे फिरभी तो इन्हे डर नहीं जानते है....भोली जनता है आसानी से मूर्ख बना लेंगे.... और फिर तो खेत अपना 5 साल तक काटेंगे....!!!
ये तो इनवेस्टमेंट करते जो सूद समेत वापस लेने का खाका भी बना लेते....!!!
आज तो सब इतने घुल मिल गए है पता ही नहीं चलता कौन फिल्म-स्टार...कौन उद्योगपति....और कौन राजनीतिज्ञ....

सोचिएगा....आराम से....
सौजन्य से: मजदूर वर्ग

मिश्रा राहुल
(ब्लोगिस्ट एवं लेखक)

टूथ पेस्ट


क्या आपने टूथ पेस्ट खरीदने से पहले कभी ध्यान दिया है.....?
हर टूथ पेस्ट के निचले सिरे पर किसी न किसी रंग की पट्टी होती है.
क्या आप इन रंगों का अर्थ जानते हैं..??

Green : Natural.
Blue : Natural + Medicine.
Red : Natural + Chemical composition.
Black : pure chemical.
If u like this please share....

- Misra Raahul

मेट्रो का लोगो बनाकर छा गई पूजा


ट्रेन्ट हाइपरमार्केट लिमिटेड


सुप्रसिद्ध ब्रिटिश रिटेल चेन समूह टेस्को (Tesco) ने टाटा समूह की ट्रेन्ट हाइपरमार्केट लिमिटेड रिटेल व्यवसाय कम्पनी में 50% हिस्सेदारी खरीद कर भारत में उसके साथ मिलकर एक साझा रिटेल व्यवसाय स्थापित करने की घोषणा 21 मार्च 2014 को की....!!!
# टेस्को ने ट्रेन्ट हाइपरमार्केट में 8.5 करोड़ पाउण्ड में ये 50% हिस्सेदारी खरीदी है।
# THL भारत में स्टार बाज़ार नाम से रिटेल व्यवसाय का संचालन करता है। इस सौदे की सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद THL 12 रिटेल स्टोर संचालित करेगा जिनमें खाने के पदार्थ, सब्जी-फल, पर्सनल केयर उत्पाद, होम-केयर उत्पाद, किचेन उत्पाद, फैशन तथा सम्बन्धित उत्पाद बेचे जायेंगे। # उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा सितम्बर 2012 में भारत के मल्टी-ब्राण्ड रिटेल क्षेत्र में 51% विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की अनुमति प्रदान किए जाने के बाद टेस्को पहली कम्पनी थी जिसने मल्टी-ब्राण्ड रिटेल क्षेत्र में FDI के लिए आवेदन किया था।
# विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) ने 30 दिसम्बर 2012 को टेस्को के इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी प्रदान की थी.
- मिश्रा राहुल

Why Do We Yawn??


# A yawn helps draw in large amounts of air to increase blood pressure, heart rate and blood oxygen levels. These physiological changes improve our motor function and alertness, helping to wake us up when we're tired or bored...!!!
# One is that when we are bored or tired, we just don't breathe as deeply as we usually do. As this theory goes, our bodies take in less oxygen because our breathing has slowed. Therefore, yawning helps us bring more oxygen into the blood and move more carbon dioxide out of the blood...!!!
- Misra Raahul

What is Nuclear Winter

Nuclear explosions trigger a horrendous chain reaction. The instantaneous outcome is the thermal and blast effect annihilating everything in and around the area. The mushrooming cloud due to the explosion rises high into the stratosphere, spreading out vast quantities of soot and radioactive debris. Some of the debris fall back to the ground as rain out. The soot and other particles suspended in the atmosphere would block sunlight and lower the global temperatures steeply to subzero levels, ushering in wintery conditions over the planet. This sequence of events has been termed as "Nuclear Winter"

शुब्रान्शु चौधरी


भारतीय पत्रकार, जिसे प्रतिष्ठित गूगल डिज़िटल एक्टिविज़्म अवॉर्ड 2014 (Google Digital Activism Award for 2014) प्रदान किया गया है तथा जिसने इसको जीतने में एडवर्ड स्नोडेन जैसे लोगों को पीछे छोड़।
# शुब्रान्शु चौधरी ने CG-नेट स्वरा (व्यॉइस ऑफ छत्तीसगढ़) नामक एक मोबाइल सेवा शुरू की थी जिसकी मदद से राज्य के स्थानीय निवासी मोबाइल फोन की मदद से स्थानीय समाचार न्यूज़ रिपोर्ट्स को अपनी स्थानीय आवाज में सुन और पोस्ट कर सकते हैं।
# वे CG-स्वरा के संस्थापक के अलावा नाइट इंटरनेशनल जर्नेलिज़्म फेलो भी हैं तथा इन्होंने BBC, गार्जियन तथा हिन्दी-दैनिक देशबन्धु में काम किया है। इस पुरस्कार की घोषणा 20 मार्च 2014 को लंदन में की गई।
# उल्लेखनीय है कि इस पुरस्कार को पाने की होड़ में अमेरिकी व्हिसिलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन (Edward Snowden), चीनी सोशल नेटवर्क फ्री वीबो (Free Weibo) और ऑपरेटिंग सिस्टम (TAILS operating system) भी थे।
- मिश्रा राहुल

वन्दना फाउण्डेशन


वन्दना फाउण्डेशन ने अपनी तरह का देश का पहला पानी का वितरण करने वाला ATM मुम्बई मे लगाया
# वन्दना फाउण्डेशन ने मुम्बई में “एक्वाएटीएम” (“AQUATM”) नामक ऐसा ATM हाल ही में शुरू किया है जो एक रुपए में एक लीटर की दर से पानी पंजीकृत सदस्यों को उपलब्ध करायेगा।
# इसके लिए इस फाउण्डेशन ने एक अन्य गैर-लाभकारी संगठन “एक्वाक्राफ्ट” (“Aquakraft”) के साथ हाथ मिलाएं हैं।
# अपनी तरह का देश का यह पहला ATM मुम्बई के मानखुर्द नामक स्थान पर लगाया गया हैं जहाँ दूषित पानी की बड़ी समस्या रही है।
# यह ATM एक दिन में 1,000 लीटर पानी का वितरण कर सकेगा तथा इसके लिए एक प्रीपेड सेवा को उपलब्ध कराया जायेगा
- मिश्रा राहुल

मोबाइल कॉमर्स सॉल्यूशन्स लिमिटेड


मोबाइल से पैसा हस्तातंतरित करने वाली एम-पेसा (m-Pesa) सेवा से जुड़े उस प्री-पेड भुगतान सेवा प्रदत्ता का मोबाइल कॉमर्स सॉल्यूशन्स लिमिटेड (Mobile Commerce Solutions Ltd (MCSL) नाम है।
# मोबाइल कॉमर्स सॉल्यूशन्स लिमिटेड मार्च 2014 के दौरान नेशनल पेमेण्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया (NPCI) की इमीडिएट पेमेण्ट सर्विस (IMPS) के साथ हाथ मिला कर एक अखिल-भारतीय अंतर-बैंक धन हस्तांतरण सेवा शुरू की है? # इस सेवा के तहत एम-पेसा सेवा का लाभ उठाने वाले ग्राहक NPCI के भुगतान प्लेटफॉर्म का उपयोग कर किसी भी IMPS-प्रयुक्त बैंक के खाताधारक को पैसा हस्तांतरित कर सकेंगे।
# उल्लेखनीय है कि नेशनल पेमेण्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया (NPCI) भारत में खुदरा भुगतानों का एक संगठन है जिसकी स्थापना में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) तथा भारतीय बैंक संघ (IBA) ने अपनी भूमिका निभाई थी।
# वहीं IMPS ऐसा भुगतान प्लेटफॉर्म है जिसकी मदद से मोबाइल, इंटरनेट अथवा एटीएम की मदद से दिन के 24 घण्टों और सप्ताह के सातों दिन विभिन्न सेवाओं के लिए भुगतान किया जा सकता है।
- मिश्रा राहुल

Viber(वाइबर)


रेकुटेन ने 5580 करोड़ में खरीदा चर्चित स्मॉर्टफोन ऐप 'वाइबर'

जापानी ई कॉमर्स कंपनी रेकुटेन ने साइप्रस स्थित बहुचर्चित वॉयस और इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप कंपनी वाइबर को 90 करोड़ डॉलर (5580 करोड़ भारतीय रुपए) में खरीद लिया है। रेकुटेन ने भारत समेत सभी उभरते देशों में वाइबर के बढ़ रहे कारोबार को ध्यान में रखकर यह सौदा किया है।
# वाइबर 30 भाषाओं में उपलब्ध है। इसमें अंग्रेजी, चाइनीज, जर्मन, फ्रेंच,जापानी, कोरियन और रशियन शामिल है। रेकुटेन जल्द ही इसे हिंदी में भी ला सकती है।
# 20 करोड़ यूजर थे वाइबर के दुनिया में। इसके सीईओ टेलमॉन मार्को थे।

इतिहास-
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वाइबर सबसे पहले 2 दिसंबर 2010 में केवल एप्पल आईफोन के लिए तैयार किया गया था। ताकि वह स्काइप का मुकाबला कर सके। इसके बाद मई 2011 में यह एंड्रॉइड के लिए बनाया गया। इसके बाद यह 19 जुलाई में हर सॉफ्टवेयर के लिए उपलब्ध कराया गया। 24 जुलाई 2012 तक दुनिया में इसके यूजर्स की संख्या बढ़कर 9 करोड़ पहुंच गई।

सबसे चर्चित वाइबर आउट सेवा-
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वाइबर मीडिया की वाइबर आउट ऐप्लिकेशन सबसे चर्चित सेवा है। फोन धारक को यह सेवा दूसरे मोबाइल और लैंडलाइन नंबर पर कॉल करने की सुविधा उपलब्ध कराती है। इसका उपयोग बिना वाइबर ऐप को अपलोड भी किया जा सकता है। यह सेवा खासतौर पर फिलीपींस में आए समुद्री तूफान हैयान पीडि़तों की मदद के लिए बनाया गया था। यूजर मोर टैब पर जाकर वाइबर आउट का विकल्प चुन सकते हैं।

क्या है वाइबर-
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यह एक क्रॉस प्लेटफार्म इंस्टेंट वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल ऐप्लिकेशन है। यह स्मॉर्टफोन के लिए बनाई गई है। स्मॉर्टफोन यूजर कम्यूनिटी इसके माध्यम से टैक्स्ट मैसेज के साथ, फोटो, वीडियो और ऑडियो एक्सचेंज कर सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर सभी तरह के मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम मैक ओएस, एंड्रॉइड, ब्लैकबेरी, ओएस, आईओएस, सिरीज 40, सिंबियन, बड़ा, विंडो फोन और माइक्रोसॉफ्ट विंडोज सब पर चलता है।

- Misra Raahul

विश्व का सबसे बड़ा टेलीवीजन लांच किया गया

विश्व के सबसे बड़े टेलीवीजन, बिग हॉस, को 21 मार्च 2014 को अमेरिका के पोर्ट वर्थ स्थित टेक्सास मोटर स्पीडवे में लांच किया गया. बिग हॉस को गीनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में विश्व के सबसे बड़े टेलीवीजन के तौर पर दर्ज किया गया.
# बिग हॉस की स्क्रीन 218 फीट लंबी तथा 94.6 फीट ऊंची है और यह किसी सात मंजिला इमारत से कहीं अधिक ऊंची है तथा बोइंग के सबसे बड़े 767 फ्लाइट के अधिक लंबी है. होम इलेक्ट्रॉनिक्स की श्रेणी के अनुसार यह 2852 इंच का टेलीवीजन है जिसका डस्प्ले 20633.34 वर्ग फुट है. यह एच एलईडी टीवी है जो कि 4.8 मिलियन पिक्सल्स तथा ट्रिलियन कलर्स प्रदर्शित करने में सक्षम है.
# बिग हॉस पैनॉसोनिक कंपनी द्वारा बनाया गया है. इसे 140 डिग्री के कोण से और तेजी गति से चलते हुए भी देखा जा सकता है.
# वर्ष 2013 में, सैमसंग ने विश्व का सबसे बड़ा टीवी बनाया था जो कि 110 इंच का था.
- मिश्रा राहुल

LED Wickets.....!!!!


The Zing Wicket System, has a sensor in the bails that can determine within 1/1000 of a second when the wicket is broken. Once the wicket is broken the bails instantaneously flash bright red LED lights and then send a radio signal to the stumps which also ignite....!!!
# Powered by hidden low voltage batteries, once the wicket is broken, the bails instantaneously flash bright red thanks to LED lights and send a radio signal to the stumps which also light up.
# International Cricket Council (ICC) has taken an decision to use most expensive ‘Zing’ bails worth USD 40,000, powered by low voltage batteries in each of the bails in the World T20 tournament....!!!
It looks Brilliant when it glows forced me to go under it to search for it...!!!
- Misra Raahul

Monday, March 3, 2014

Ind-Pak Don't Think its Copy Paste

Stats Blow you mind


                                                    Courtesy: ©Cricinfo