Knowledge" is Fountain and the small slit from which the parabolic water stream coming is the "Intelligence"... "Intelligence" can be God gifted but "Knowledge" are framed here only... The person seeping into knowledge fountain...Have the bliss to get trick to Fabricate the Luck Gemstone..And too create the fringes in the vast sky..which provide the wrapper to save itself from natural havoc..It Just an energy to plunge the oyster for receiving pearl from it..!!
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Monday, January 6, 2014
सकारात्मक प्रकाश
आखिर ये बिग बकवास है क्या चीज़ जो आजकल का युवा देखते रहता....टीआरपी जिनकी बढ़नी चाहिए उसे तो शो के लिए पर्याप्त दर्शक नहीं मिल रहे....अभी कुछ रोज़ पहले एबीपी वालों ने "प्रधानमंत्री" डॉक्युमेंट्री शो शुरू किया था....पुनीत शर्मा का बेहतरीन निर्देशन और शेखर कपूर उद्घोषक रूप मे जो काम किया है वो काबिले तारीफ है....!!
लोगों को लगता था कि केवल बीबीसी वाले ही डॉक्युमेंट्री बनाने मे पारंगत है पर यह शो सबके मुंह पर ताला कस दिया....!!!
पर लोगों का क्या है वो तो बिग बकवास पसंद करते....गलती उनकी भी नहीं है....उनका दिमाग सड़ चुका है तो यही सब बातें ही जमेंगी....!!!
एक बात और अगर आज भी कोई अभिभावक अपने बचे से ये कह रहा की राजनीति से दूर रहो तो वो निःसंदेह उसका अहित चाह रहा....राजनीति उतनी ही ज़रूरी है जितनी आपके लिए प्राण-वायु....उससे भागने से हल कुछ ना होगा....सामना करना होगा....!!!
अपने बच्चो...अनुजो से चर्चा जरूर करे....अच्छे लोगो का गुणगान करे....उनके अतीत को उनसे बातें....ताकि कुछ सकारात्मक प्रकाश आपके बच्चो....और इस देश के युवा पर पड़े....!!!
जो एक नया गांधी....एक नया अन्ना.....एक नया मोदी....एक नया केजरीवाल....!!
बन सके....सकारात्मक प्रकाश की दृढ़ता से संकल्प ले इस नए वर्ष पर.....!!!
ताना ना कसे किसी पर हर व्यक्ति की खूबियों को खुद मे कार्बन कापी करे.....एक किस्सा शेयर करना चाहता आपसे गांधी जी का है....
"एक बार महात्मा गांधी ट्रेन से यात्रा कर रहे थे.....उसी ट्रेन मे काफी अंग्रेज़ भी बैठे हुए थे जो बार बार गांधी जी की हुलिया देख ठहाके लगा कर हंस रहे थे....बड़ी देर तक ऐसा करने पर भी जब महात्मा टस-से-मस ना हुए तो इससे क्रोधित होकर अंग्रेज़ ने एक सादा पेपर उठा लाया और उस पर उसने जी भर कर दो पेज गालियाँ लिख डाली....और बड़ी सहजता से गांधीजी को देता हुआ चला गया अपनी सीट पर....!!!
काफी देर तक गांधी जी ने पेज को पलट पलट कर देखा....पर अंग्रेज़ को कुछ समझ आ नहीं रहा था....आखिर ये गांधी कर क्या रहा....जब उससे रहा नहीं गया तो वो उनके पास जाकर खड़ा हो गया उसको देखते ही गांधी जी ने बड़े शालीनता से कहाँ "महोदय आप ये पेपर अपने पास रख लीजिये ये मेरे किसी काम का नहीं शायद आपके घर इसकी ज़रूरत हो हाँ ये पीन जरूर मेरे काम आ जाएगी जिससे आपने दो पेपर को नत्थी किया था...."!!!
हमेशा अच्छी बातों की चर्चा करे....!!!
- मिश्रा राहुल
(ब्लोगिस्ट एवं लेखक)
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बहुत बढ़िया प्रस्तुति...आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-कुछ हमसे सुनो कुछ हमसे कहो