लाल सलाम.....नक्सली हैं आतंकी नहीं...!!!
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विगत चार दसकों से देश मे नकसलवाद फल फूल रहा हैं...तो इसके लिए और कोई नहीं बल्कि हर मंझो से बंधी उड़ती केंद्र सरकार ही जिम्मेदार हैं...!!!
आखिर नक्सल वाद हैं क्या...!!!
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देश भर मे लगभग 20 राज्यों की 230 जनपदो मे नक्सलवाद व्याप्त हैं...इनकी सोच बोड़ो और उल्फ़ा जैसी पृथकतावादी ढांचो पर नहीं चलती...बल्कि ये तो एक लड़ाई हैं उनके विचारधारा की...जो आपसी समानता...गरीब अमीर की खाई को पाटने के लीले चलती हैं...!!
आखिर यह हाँ क्या...उदाहरण देके थोड़ा स्पष्ट करते हैं...
मान लीजिये आप के यहा की बिजली काट दी जाये...आपकी सड़कों को मैं रूट से पृथक कर दिया जाये...आप के पास इलाज खातिर ना ही हॉस्पिटल हो ... रेल पटरियाँ भी काफी दूरी पर जा बसी हो...सड़के कच्ची हो... ना अच्छे विद्यालया हो ना ही संसाधन...ना आपके पास टेलीफ़ोन टावर ना ही सेल्यूलर फोन...!!
आप फिर देश की समृद्धि की बात कैसे सोच पाएगे...यही पैदा हो जाता हैं नक्सल...जिन्हे अपना तंत्र चला खातिर वर्ष मे चार हजार करोड़ रुपये हैं जो वो या तो व्यवसायी को लूट के कमा ले या व्यवसायी खुद उनके चरणो मे डाल दे...!!
उपाय:
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ढांचागत परिवर्तनों से इनपे काबू पाया जा सकता हैं...एक नकसली की आम्दानी रोजाना 12 रुपया हैं... क्या होगा इस बारह मे...तो शायद वे मजबूर हैं हथियार थामने पर और क्यूँ ना हो सरकार...वही तो हैं ...पर अब नक्सल पे राजनीति हावी होने लगी हैं...जोकि लोकतन्त्र खातिर खतरे की घंटी हैं...!!
मिश्रा राहुल
(ब्लोगिस्ट एवं लेखक)
ReplyDeleteजब तीन यार मिल जाएँ तो होगा धमाल
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