Vehicles used by MPs, MLAs, 'sarpanchs' and their like can no longer sport a red beacon, or any beacon for that matter.....!!!
Red beacon with flasher:
To vehicles of a small band of "high dignitaries" holding constitutional posts, including President, prime minister and Chief Justice of India....!!
केंद्र व राज्य सरकारों की तरफ से लाल और नीली बत्तियां अब रेवड़ियों की तरह नहीं बांटी जा सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने दुरुपयोग रोकने के लिए लाल-नीली बत्तियों के साथ ही सायरन के इस्तेमाल के मानक तय कर दिए हैं।
शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि सिर्फ उच्च संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों को ड्यूटी के दौरान लालबत्ती लगाने का अधिकार हैं। लालबत्ती और सायरन के इस्तेमाल को सामंती सोच का प्रतीक बताते हुए कोर्ट ने कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।
1- राष्ट्रपति
2- उप-राष्ट्रपति
3- प्रधानमंत्री
4- पूर्व राष्ट्रपति
5- उप-प्रधानमंत्री
6- भारत के मुख्य न्यायाधीश
7- लोकसभा स्पीकर
8- केंद्र सरकार के मंत्री
9- योजना आयोग के उपाध्यक्ष
10- पूर्व प्रधानमंत्री
11- लोकसभा और राज्यसभा में नेता विपक्ष
12 - सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश
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बिना फ्लैशर की लालबत्ती का हक
1- मुख्य चुनाव आयुक्त
2 नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग)
3- राज्यसभा के उप-सभापति
4- लोकसभा के उपाध्यक्ष
5- केंद्र के राज्यमंत्री
6- योजना आयोग के सदस्य
7- अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया
8- कैबिनेट सचिव
9- तीनों सेनाओं के प्रमुख, जो फुल जनरल या इसी के बराबर का पद धारण करते हों
10- केंद्र के उपमंत्री
11- तीनों सेनाओं के ऑफीसिएटिंग चीफ, जिनकी रैंक लेफ्टीनेंट जनरल या इसके समकक्ष हो
12- केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष
13- अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष
14- एससी/एसटी आयोग के अध्यक्ष
15- संघ लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष
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