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क्यों है जरूरी-
पैन कार्ड काफी जरूरी होता है। इसकी वजह है कि पैन कार्ड इंकम टैक्स डिपार्टमेंट से जुडे किसी भी लेनदेन में पैन कार्ड नंबर का होना जरूरी है। 1 जनवरी 2005 से इंकम टैक्स भरने के लिए भी पैन कार्ड का होना जरूरी होता है।
पैन कार्ड नंबर एक 10 डिजिट का खास नंबर होता है, जो लैमिनेटेड कार्ड के रूप में आता है। पैन कार्ड बन जाने के बाद उस व्यक्ति के सारे फाइनेंशियल ट्रान्जैक्शन डिपार्टमेंट के पैन कार्ड से लिंक हो जाते हैं। इनमें टैक्स पेमेंट, क्रेडिट कार्ड जैसे कई फाइनेंशियल लेन-देन डिपार्टमेंट की निगरानी में रहते हैं।
पैन कार्ड नंबर का चौथा डिजिट अंग्रेजी का एक लेटर होता है। यह पैन कार्ड धारी का स्टेटस बताता है। इसमें-
# P- एकल व्यक्ति
# F- फर्म
# C- कंपनी
# A- AOP( असोसिएशन ऑफ पर्सन)
# T- ट्रस्ट
# H- HUF (हिन्दू अनडिवाइडिड फामिली)
# B-BOI (बॉडी ऑफ इंडिवीजुअल)
# L- लोकल
# J- आर्टिफीशियल जुडीशियल पर्सन
# G- गवर्नमेंट के लिए होते हैं।
पैन कार्ड नंबर का पांचवा डिजिट एक अंग्रेजी का लेटर होता है। यह लेटर पैन कार्ड धारक के सरनेम का पहला अक्षर होता है। यह सिर्फ धारक पर निर्भर करता है। गौरतलब है कि इसमें सिर्फ धारक का लास्ट नेम ही देखा जाता है।
इसके बाद पैन कार्ड में 4 नंबर होते हैं। यह नंबर 0001 से लेकर 9999 तक कोई भी हो सकते हैं। आपके पैन कार्ड के ये नंबर उस सीरीज को दर्शाते हैं जो मौजूदा समय में इंकम टैक्स डिपार्टमेंट में चल रही होती है। इसका आखिरी डिजिट एक अल्फाबेट चेक डिजिट होता है जो कोई भी लेटर हो सकता है।
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