सच कहा गया हैं....यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानमं सृजाम्यहम्।।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे।।
हिन्दूओं का विश्वास है कि सृष्टि में सभी प्राणी पूर्वनिश्चित धर्मानुसार अपने अपने कार्य करते रहते हैं और जब कभी धर्म की हानि की होती है तो सृष्टिकर्ता धर्म की पुनः स्थापना करने के लिये धरती पर अवतार लेते हैं।
मुख्यतः आज तक सृष्टि पालक भगवान विष्णु नौ बार धरती पर अवतरित हो चुके हैं और दसवीं बार अभी होंगे।
# मत्स्य अवतार
# कुर्मा अवतार
# वराह अवतार
# नर-सिहं अवतार
# वामन अवतार
# परशुराम अवतार
# राम अवतार
# कृष्ण अवतार
# बुद्ध अवतार
# कलकी अवतारजय श्री कृष्ण जन्माष्टमी
मिश्रा राहुल
(ब्लोगिस्ट एवं लेखक)
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