आमतौर पर मैं फिल्मों खातिर समय ही नहीं निकाल पाता.....पर Vishaal के बार बार जिंद्द करने पर पहुँच गया सिल्वरस्क्रीन सामने....कुछ लोगों को कहते सुना की ये इफैक्ट आइरन मैन....रेसिंडेंट एविल....मट्रिक्स मे इसेमाल हो चुके हैं.....!!!
खैर लोगों का कहना भी एक हद तक सही है क्यूंकि लोगों ने ऐसा इफैक्ट शायद ही किसी बॉलीवुड फिल्म मे देखा होगा....हम तो बताते बताते थक गए....फिल्मे दर्शको लिए बनाई जाती....आजकल के दर्शक आधुनिकता पसंद कर रहे....सो फिल्मे भी वैसी बन रही...अमरीका जैसे विकाशित देशों मे बड़े पैमाने पर लोग साइन्स फिक्सन मूवी काफी पहले से पसंद करते आ रहे....सो उन्होने हमसे पहले बना लिया....अगर यही फिल्म 2000 से पहले बनाई जाती से फ्लॉप घोषित कर दी जाती.....वजह ये की लोगो के समझ से परे सोच भी मूवी को डूबा देता....!!!
भारत वर्ष के लोग ज्ञान के मामले मे किसी से पीछे नहीं.....ये बात वे जरूर नोट करले जो हर वक़्त बाहर की बड़ाई करते.....!!!
सोच की दाज देनी होगी राकेश रोशन जी की इतने भरी भरकम बजट की फिल्न बनाना और वो भी उन लोगों खातिर जो केवन प्रेमग्रन्थ ही देखना पसंद करते.....वो किसी जुए से कम ना था....!!!
मिश्रा राहुल
(फ्रीलांसर लेखक)
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