लाजवाब क्या खूब बोला उसने अब मैं क्या बोलू उसको...इंजिनियर तो मैं जनम के २२ बरस बाद बना हूँ और क्या मैं अपने नीतियों के २२ साल इस चार साल के इंजिनियर उपाधि खातिर कुर्बान कर दूँ...!!!
बुरा लग गया उसे शायाद पर कटु बोलने की आदत हैं हमारी थोडा विषैला पर बजरंगी कसम मेरा अन्तः मन यह करने खातिर कह रहा था..!!
आज का यूथ:
# हनी सिंह जैसे चिथड़ो को अपने होंठों और कंठो से लगाए गुनगुनाते हैं...!!
क्या हमारे देश में गायकों की अकाल पड गयी हैं...!!
# कुछ का तो सपना रोडीज में जाने का रहता ... वाह रोडीज मतलब सड़क चाप तीन बकलूलों से सजी एक अश्लील भरी शो जिसमे बीप की ध्वनि के अलावा कुछ सुनाई ही न देती..!!
# रजत पटल तो आज गन्दा हो चूका हैं...अब नहीं रहे वो निर्देशक ... हां प्रेमचंद हैं हमारे प्रकाश झा साहब उनकी फिल्मे तो आज के यूथ की समझ से परे रहती...!!!
अब आप ही बताये कैसे न फैले गंदगिया..!!!
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