मूँगा, जिसे कोरल और मिरजान भी कहते हैं, एक प्रकार का नन्हा समुद्री जीव है जो लाखों-करोड़ों की संख्या में एक समूह में रहते हैं। मूँगे की बहुत सी क़िस्मों में, यह जीव अपने इर्द-गिर्द एक बहुत ही सख़्त शंख बना लेते है, जिसके अन्दर वह रहता है। जब ऐसे हजारों-लाखों नन्हे और बेहद सख़्त शंख एक दुसरे से चिपक कर समूह में बनते हैं, तो उस समूह की सख़्ती और स्पर्श लगभग पत्थर जैसा होता है। समुद्र में कई स्थानों पर मूंगे की बड़े क्षेत्र पर फैली हुई शृंखलाएं बन जाती हैं, जिन्हें रीफ़ कहा जाता है। किसी भी मूंगे के समूह में हर एक मूंगे और उसके शंख को वैज्ञानिक भाषा में "पॉलिप" कहते हैं।
मूँगा गरम समुन्दरों में ही उगता है और अलग-अलग रंगों में मिलता है। लाल और गुलाबी रंगों के मूँगे के क़ीमती पत्थर को पत्थर की ही तरह तराश और चमका कर ज़ेवरों में इस्तेमाल किया जाता है। इनके सब से लोकप्रिय रंग को भी मूँगा (रंग) कहा जाता है।
मूँगा गरम समुन्दरों में ही उगता है और अलग-अलग रंगों में मिलता है। लाल और गुलाबी रंगों के मूँगे के क़ीमती पत्थर को पत्थर की ही तरह तराश और चमका कर ज़ेवरों में इस्तेमाल किया जाता है। इनके सब से लोकप्रिय रंग को भी मूँगा (रंग) कहा जाता है।
अंग्रेजी में मूँगे को "कोरल" (coral) कहते हैं
अरबी और फ़ारसी में मूँगे को "मिरजान" (مرجان) कहते हैं
तुर्की में मूँगे को "मेरचान" (mercan) कहते हैं
जापानी में मूँगे को "सांगो" (子蘭琉) कहते हैं
अरबी और फ़ारसी में मूँगे को "मिरजान" (مرجان) कहते हैं
तुर्की में मूँगे को "मेरचान" (mercan) कहते हैं
जापानी में मूँगे को "सांगो" (子蘭琉) कहते हैं
अंग्रेजी में "रीफ़" को "reef" और "पॉलिप" को "polyp" लिखा जाता है
एक कठोर लाल , गुलाबी या फिर सफ़ेद रंग का पदार्थ होता है जो समुन्दर के नीचे तलहटी में बहुत ही छोटे समुंदरी जीवों की अस्थियों से पैदा होता है .एक समुद्री जीव भी कोरल पैदा करता है .प्रवाल या मूंगा आभूषणों की शोभा बढाता है ।
एक कठोर लाल , गुलाबी या फिर सफ़ेद रंग का पदार्थ होता है जो समुन्दर के नीचे तलहटी में बहुत ही छोटे समुंदरी जीवों की अस्थियों से पैदा होता है .एक समुद्री जीव भी कोरल पैदा करता है .प्रवाल या मूंगा आभूषणों की शोभा बढाता है ।
कोरल रीफ क्या है ?
इट इज ए लाइन ऑफ़ रोक़ इन दी सी फोर्म्द बाई कोरल .जिसे प्रवाल भित्ति भी खा जाता है .कोरल्स या मूंगे रंध्र -दार समुद्री जीव हैं जो समुन्दर की पैदीमें जीवन यापन करतें हैं .अलबत्ता यह एक ठोस आधार की तलाश में रहतें हैं .फिर बढतें हैं अमर बेल से ,इन्हीं से पैदा होती है कोरल रीफ (प्रवाल भित्ति )।
कुदरती तौर पर यह रंगीनी लिए होतें हैं .बहुत ही जीवंत ,वाइब्रेंट होतें हैं कोरल्स ।
इट इज ए लाइन ऑफ़ रोक़ इन दी सी फोर्म्द बाई कोरल .जिसे प्रवाल भित्ति भी खा जाता है .कोरल्स या मूंगे रंध्र -दार समुद्री जीव हैं जो समुन्दर की पैदीमें जीवन यापन करतें हैं .अलबत्ता यह एक ठोस आधार की तलाश में रहतें हैं .फिर बढतें हैं अमर बेल से ,इन्हीं से पैदा होती है कोरल रीफ (प्रवाल भित्ति )।
कुदरती तौर पर यह रंगीनी लिए होतें हैं .बहुत ही जीवंत ,वाइब्रेंट होतें हैं कोरल्स ।
कृत्रिम कोरल रीफ क्या है ?
यह मानव निर्मित एक ऐसी संरचना है जिसका निर्माण जल की सतह के नीचे समुद्री जीवों को बढ़ावा देने के लिए ही किया जाता है .इनके विकसने पनपने के लिए खड़ी की जाती है यह संरचना .जल गति -विज्ञान (हाई -ड्रो -डायनेमिक्स ) को सुधारने में मदाद गार की भूमिका में रहती हैं कृत्रिम कोरल रीफ्स
यह मानव निर्मित एक ऐसी संरचना है जिसका निर्माण जल की सतह के नीचे समुद्री जीवों को बढ़ावा देने के लिए ही किया जाता है .इनके विकसने पनपने के लिए खड़ी की जाती है यह संरचना .जल गति -विज्ञान (हाई -ड्रो -डायनेमिक्स ) को सुधारने में मदाद गार की भूमिका में रहती हैं कृत्रिम कोरल रीफ्स
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