सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसले में पिछले 18 साल से हज यात्रा में दी जा रही सब्सिडी अगले दस साल में पूरी तरह समाप्त करने का आदेश दिया है। सरकार से 11 हजार यात्रियों के विशेष कोटे का आधार और ब्योरा भी मांगा गया है। जबकि, हज कमेटी से हज यात्रियों के चयन का तरीका पूछा गया है।
न्यायमूर्ति आफताब आलम ने कहा, 'यह अदालत देश के पूरे मुस्लिम समुदाय की तरफ से कुछ कहने का दावा नहीं करती, लेकिन धार्मिक तौर पर क्या गलत है और क्या सही यह तो बता ही सकती है।' कोर्ट ने हज सब्सिडी समाप्त करने के पीछे पवित्र कुरान का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि हज व्यक्ति को अपने खर्च पर ही करना चाहिए। कोर्ट ने कहा, 'सब्सिडी समाप्त होने से आगे चलकर ज्यादा से ज्यादा यात्री प्राइवेट टूर ऑपरेटर के जरिये हज करना पसंद करेंगे।
इस संबंध में सरकार के तर्को को नकारते हुए कोर्ट ने कहा, 'अगर सरकार हज के मौके पर सऊदी अरब को सद्भावना संदेश भेजना ही चाहती है तो इसके लिए महज नेता और उपनेता भेज सकती है।'
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