चलो हम सब मिल कर जलाते है रावण,मेरे पास रावण बनाने का सारा सामान उपलब्ध है,मुखोटा है,कपडे है,पटाखे भी है,क्योकि मैं उसके ही वंश का हू...!!!
पर शर्त एक ही है..रावण को केवल राम ही जलायेगे...!!!
क्या रावण को जलता देख कर खुश होने वालो मैं राम का चरित्र है,आपका कोई मुकदमा तो अपने भाई से नहीं चल रहा या आपने अपने पिता की सभी बातो को माना है...!!!
ऐसा नहीं तो फिर रावण को क्यों फूक रहे हो खुद को ही फूक लो,कागज के रावण को फुकने से क्या होगा...!!!
बहुत ही बढ़िया लेख। ☺🙌👍👏
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